वृक्षासन करने की विधि,इसके लाभ व सावधानियां

वृक्षासन वृक्ष का अर्थ है पेड़ अर्थात इस आसन के अभ्यास के दौरान आपकी शरीर की स्थिति वृक्ष के समान बनती है इसलिए इस आसन को वृक्षासन कहा जाता है

वृक्षासन करने की विधि

  • वृक्षासन करते समय अपने दोनों पैरों में 2 इंच का अंतर रखें और सीधे खड़े हो जाएं|
  • सीधे खड़े होकर अपनी आंखों के सामने एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें|
  • सांस को बाहर छोड़ते समय अपने दाएं पैर को पकड़कर व उसके पंजे को बाएं पैर को गोडे से थोड़ा ऊपर रखें|
  • सांस को शरीर के अंदर लेते समय दोनों हाथ ऊपर की ओर मिला लें|
  • इस स्थिति को 20 से 35 सेकंड तक रखें व सामान्य रूप से सांस लें|
  • सास को शरीर से बाहर छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों को नीचे लाएं और पैरों की सामान्य अवस्था में चले जाएं|
  • अत: में सीधे खड़े होकर इस अभ्यास को दोबारा से दोहराएं|

वृक्षासन के लाभ

  1. इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर के वजन को घटाया जा सकता है|
  2. यह आसन तंत्रिका से संबंधित शरीर के सभी संतुलन को बनाए रखता है जिससे सहनशीलता जागरूकता और एकाग्रता बढ़ने में सहायता मिलती है|
  3. यह आसन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है|

सावधानियां

  • जिन व्यक्तियों के लंबे समय तक घुटनों में दर्द रहता हो उनको यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • अगर आपको इस आसन के दौरान चक्कर आते हैं तो आप इस आसन को यहीं पर समाप्त करते हैं|