भुजंगासन के फायदे,विधि व इसकी सावधानियां

भुजंगासन दो शब्दों से मिलकर बना है भुजंग वह आसन भुजंगासन के दौरान शरीर कुछ सांप जैसा दिखाई देता है इसलिए इसे भुजंगासन कहते हैं इस आसन को अंग्रेजी भाषा में कोबरा पोज भी कहा जाता है

भुजंगासन किसे कहते हैं

इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाएं अथवा सांप जैसी दिखाई देती है इस कारण से इस आसन का नाम भुजंगासन पड़ गया यह जमीन पर लेट कर और पीठ को मोड़ कर किया जाता है और फिर जमीन से थोड़ा ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है जिस कारण से इस आसन को भुजंगासन कहा जाता है

भुजंगा सन की विधि

  • भूमि पर बिछे हुए कंबल पर पेट के बल उल्टे होकर लेट जाएं
  • दोनों पैरों के पंजे परस्पर मिला ले
  • इसके बाद पैरों के अंगूठे को पीछे की ओर खींचे
  • दोनों हाथ सिर की तरफ लंबे कर ले
  • पैरों के अंगूठे नाभि छाती और हाथ की हथेलियां भूमि पर एक सीध में रखें
  • अब दोनों हथेलियों को कमर के पास ले जाएं
  • चील और कमर ऊपर उठाकर जितना हो सके उतने पीछे की ओर मुड़े नाभि भूमि पर स्पर्श रहे
  • पूरे शरीर का वजन हाथ के पंजों पर ले आए
  • 10 से 20 सेकंड तक ऐसी स्थिति में रहे
  • सिर नीचे लाने के पश्चात सामान्य स्थिति में आ जाएं

भुजंगासन के फायदे

  1. मेरुदंड के मनको तथा गर्दन के स्नायु स्थान में शुद्ध रक्त पहुंचाता है
  2. रीड की हड्डी में रहने वाली तमाम बीमारियों को दूर करता है
  3. छाती और पेट का विकास होता है तथा इसके रोग मिट जाते हैं
  4. अति श्रम करने के कारण लगने वाली थकान को दूर करता है
  5. भुजंगासन करने से हृदय मजबूत होता है तथा मधुमेह तथा उधर के रोगों से मुक्ति मिलती है
  6. इस आसन से मेरुदंड लीजिए ना बनता है जिससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं
  7. कंधे और गर्दन के दर्द को दूर करता है जिससे राहत मिलती है

भुजंगासन की सावधानियां

  • जो व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से ग्रसित है वह इस आसन को ना करें
  • अगर आपको यह आसन करते समय पेट दर्द या चक्कर आ रहे हैं तो इस आसन को वहीं समाप्त कर दें
  • यदि आप लंबे समय से बीमार हैं तो इस आसन को ना करें
  • रीड की हड्डी से ग्रस्त मरीज इस आसन से परहेज करें

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