धनुरासन में शरीर की आकृति खींचे हुए धनुष जैसी बनती है जिस कारण इसे धनुरासन कहा जाता है इससे आपके शरीर को अनेक फायदे होते हैं जो आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी है|
धनुरासन किसे कहते हैं
धनुरासन को धनुष आसन भी कहा जाता है क्योंकि इस आसन के दौरान आपके शरीर की स्थिति कुछ धनुष के समान दिखाई देती है और यह आसन योग विज्ञान पीठ का एक हिस्सा है इस आसन से आपकी पीठ को एक अच्छा खिंचाव मिलता है जिससे कमर में लचीलापन आता है और कमर मजबूत बनती है|
धनुरासन करने की विधि
- भूमि पर बिछे हुए कंबल पर पेट के बल उल्टे होकर लेट जाएं
- पैरों को मिलाते हुए अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें
- दोनों हाथों को पीछे ले जाकर दोनों पैरों को हाथों से पकड़े
- श्वास अंदर भर के हाथ से पकड़े हुए पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर खींचे
- जितना हो सके अपने सिर को इतना पीछे ले जाने की कोशिश करें
- श्वास अंदर ही रोककर इस स्थिति में 20 से 10 सेकंड तक जरूर रुकें
- इसके बाद पैरों से हाथ हटाकर अपनी मूल अवस्था में आ जाएं
- इस आसन को रुक रुक कर तीन या चार बार दिन में जरूर करें
धनुरासन के फायदे
- धनुरासन के अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है
- गैस दूर होती है और पेट के रोग नष्ट होते हैं
- इस आसन से छाती का दर्द दूर होता है
- यह हृदय की धड़कन को सुचारू रूप से बनाए रखता है
- इस आसन से आवाज मधुर बनती है वह गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं
- हाथ पैर में होने वाले कंपन रुकते हैं
- हाथों पर खूब दबाव पड़ने से पेट के अंगों पर भी दबाव पड़ता है जैसे मेरुदंड अच्छी तरह काम करता है
धनुरा सन की सावधानियां
- धनुरासन को करते समय आपका पेट खाली होना चाहिए
- इस आसन को प्राकृतिक पर्यावरण में ही करना चाहिए
- अत्याधिक मोटे व्यक्ति इस आसन को ना करें
- यदि आपको उच्च या निम्न रक्तदाब की समस्या है तो आप इस आसन से परहेज करें